Ganga Saptami Aarti PDF, Om Jai Gange Mata | माँ गंगा आरती
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|| माँ गंगा आरती ||
Ganga Saptami Aarti in Hindi
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ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता |
|| ॐ जय गंगे माता… ||
चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी जल निर्मल आता |
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता |
|| ॐ जय गंगे माता… ||
पुत्रसगर के तारे सब जग को ज्ञाता |
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता |
|| ॐ जय गंगे माता… ||
एक बार जो प्राणी शरणगति आता |
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता |
|| ॐ जय गंगे माता… ||
आरती मात तुम्हारी जो नर नित्य गाता |
सेबक वही जो सहज में मुक्ति को पाता |
ॐ जय गंगे माता…
|| ॐ जय गंगे माता… ||
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